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दोनों साली की सील तोड़ी एक ही रात में - Sali sex story
दोनों साली की सील तोड़ी एक ही रात में - Sali sex story
डिअर फ्रेंड आपको हर्ष का प्यार भरा नमस्कार, मेरी शादी हुए अभी १२ महीने ही हुए है, और मेरी वाइफ को पहला बच्चा होने बाला है, इसवजह से मेरी साल और मेरी दो साली देखरेख करने के लिए गोरखपुर से दिल्ली आयी हुयी है, मैं कल ही अपने वाइफ को नर्शिंग होम में भर्ती करवा के आया हु, डॉक्टर ने कहा की अभी दो दिन लगेगा, चिंता की कोई बात नहीं है, तो मेरी सास मेरी वाइफ के पास ही रुक गयी और रात को मैं अपने फ्लैट पे आ गया सोने के लिए.
रात को करीब 10 बजे जब घर आया तो मेरी दोनों साली बैठ के टी वी देख रही थी, फिर हम तीनो भर जाके चिकेन तंदूरी और रुमाली रोटी खाके वापस आये, बड़ी साली मेरी सोने चली गयी और छोटी साली जो 18 साल की है हम दोनों टीवी पे पिके सिनेमा आमिर खान का आ रहा था वही देखने लगे, लम्बे सोफे पे मेरी साली पेट के बल सो के देख रही थी टीवी सो उसका दोनों चूचियाँ दब के बाहर निकल रही थी, मैं करीब १० मिनट से देख रहा था मेरी साली है भी बड़ी ही खूबसूरत होठ एकदम गुलाबी, भरा पूरा शरीर गांड मस्त उभरा हुआ, लम्बे लम्बे बाल, गोरी चिट्टी, वो इस रूप में कातिल हसीना लग रही थी.
मूवी खत्म हुआ और हम दोनों सोने के लिए तैयार होने लगे, तो साली जाते जाते मजाक में बोल गयी जीजाजी आपने दीदी के साथ क्या किया की आज वो इस हालात में है, मैंने भी वैसे ही रिप्लाई कर दिया की मैंने आपके दीदी को रोज रात को चुदाई करता था इस्सवजह से इस हालात में है, वो झेप गयी और शर्म से बोली छी आपको ऐसी बात कहते शर्म नहीं आती है, मैंने कहा जब पूछने बाले को शर्म ही नहीं तो मुझे क्यों शर्म होनी चाहिए, तो मेरी साली बोली मैं अगर दीदी के जगह पे होती तो एक साल तक छूने ही नहीं देती, तो मैंने कहा फिर मैं आपको जबरदस्ती चुदाई कर देता, तो साली बोली आपने इतनी हिम्मत कहा की मुझे पकड़ पाते अभी भी मैं चैलेंज करती हु की आप मुझे नहीं पकड़ पाओगे, मैंने कहा ऐसी बात फिर देखो, वो इधर उधर भागने लगी, और मैंने उसको पकड़ने के लिए दौड़ता रहा, मेरा ड्राइंग रूम फूटबाल का मैदान बन गया था कभी वो सोफे के पीछे तो कभी फ्रीज़ के पीछे मुझे छका रहा थी और वो भागकर बैडरूम में चली गयी, और दरवाजा अंदर से बंद करने लगी मैं बाहर से खोलने के लिए जोर लगा रहा था और वो अंदर से बंद करने के लिए जोर लगा रही थी. इसी तरह मैंने धक्का लगाया और अंदर चला गया.
फिर उसको बेड पे पटककर मैंने उसको बस में कर लिया तो मुस्करा के बोली बस इससे क्या होता, मैंने कहा अच्छा जी लो अब बताओ, और मैंने हाथ को दबा के उसको गाल पे होठ पे किश करने लगा वो अंदर कसमसा रही थी पर मैं कास के जकड़ा हुआ था, फिर वो बोली इससे कुछ भी क्या होता, फिर मैंने उसकी चूचियों पे हाथ रख दिया, वो सीरियस हो गयी, बोली जीजू ये गलत बात है मैं हाथ नहीं हटाया, वो विरोध भी नहीं कर रही थी, मैंने उसको ढीला छोड़ दिया और चूचियों पर से हाथ नहीं हटाया, वो बोलने लगी दीदी जग जाएगी क्या सोचेगी, ये गलत बात है, मैंने कहा कोई गलत बात नहीं है मैं आपको जबरदस्ती नहीं करूंगा, अगर मन हो तो आज की रात रंगीन हो सकती है.
वो कुछ भी नहीं बोली, मैं समझ गया उसे आज लंड चखने का मन कर गया, मैंने चूचियाँ दबाना और किश करने लगा, वो मदहोश होने लगी, उसकी आँखे लाल लाल होने लगी और होठ बार बात जीभ से चाट रही थी, मैं उसके होठ को चूसना सुरु किया वो मेरे बनियान को खोलने लगी, और खोल के बेड से निचे फ़ेंक दी, मैंने उसके टी शर्ट को निकाल दिया वो अंदर ब्लैक ब्रा पहनी हुई थी, मैंने ब्रा को नीला दिया पीछे से हुक खोल के मेरे सामने दो बड़ी बड़ी चूचियाँ मेरे फेस के पास थे, मैंने दबाना सुरु किया और निप्पल जो गुलाब के बड की तरह था पिंक पिंक मैंने अपने दोनों होठ से पकड़ के दबाने लगा वो सेक्सी आवाज़ निकालने लगी, वो मादशोष हो गयी थी . मैंने फिर उसके जीन्स के ज़िप को खोला वो थोड़ा अपना चूतड़ उठाई और मैंने जीन्स निकाल दिया, वो ब्लैक कलर को पेंटी पे बड़ी ही खूबसूरत लग रही थी, मैंने ऊपर से छूट के ऊपर हाथ फेरा वो सिहर गयी मैं समझ गया वो वर्जिन है क्यों की मेरे हरेक टच पे वो सिहर रही थी उसे शर्म भी आ रही थी पर पर क्या करे वासना की आग लग चुकी थी उसे मैं भी बुझा सकता था.<
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