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सुहाना सफ़र है और मौसम चुदासी भरा suhana safar hai or mausam chudasi bhara
हैल्लो दोस्तों मेरा नाम समीर फुद्दी है, और मैं स्लिम्नाबाद का रहने वाला हूँ | मैं फिलहाल नागपुर में रहता हूँ और वहीँ जॉब करता हूँ | मैं बहुत चोदु लौंडा हूँ और मुझे चुदाई करना बहुत अच्छा लगता है, मुझे सेक्स की कहानी पढना बहुत पसंद है, मैं 26 साल का हूँ पर मैंने इतनी उम्र में कई लड़किओं और सेक्सी भाभियों को पता कर चोदा है | मेरा लंड 9 इंच लम्बा और 3 इन्चा मोटा है | इसी की बदौलत मैंने इतने लोगों को चोदा है | अब मैं सीधा स्टोरी पर आता हूँ आप लोगों को ज्यादा बोर नहीं करूंगा और गलती के लिए माफ़ी मांगता हूँ अगर इसमें कुछ गलती हुई होगी तो |
ये बात अभी कुछ दिन पहले की मैं अपने घर आया हुआ था छुट्टी में, अब मेरी छुट्टी ख़त्म हो चुकी थी | मैंने बस से जाने का फैसल किया था क्यूंकि मैंने बस में बहुत कम सफ़र किये हुए हैं तो सोचा की इस बार बस में ही जाऊंगा | मुझे मेरे दोस्त बस स्टैंड तक छोड़ के चले गया था और मैं जा कर टिकेट लेने गया | वहाँ बहुत भीड़ थी तो मैं लाइन में लगा हुआ था फिर मेरे पीछे भी लाइन लगने लगी और काफी लम्बी लाइन थी | उतने में एक बहुत सुन्दर लड़की आई भीड़ देख के जाने लगी तो मैंने उसे बुलाया और पूछा कि आपको टिकट चाहिए क्या ? उसने सोचा की मैं ब्लैक में टिकेट बेचता हूँ | उसने मुझसे पूछा कि टिकट कितने में देंगे आप तो मैंने कहा की अरे मैं कोई टिकेट बेचने वाला नहीं हूँ मैं तो खुद यहाँ टिकेट लेने आया हूँ | वो तो आपको वापस जाते देखा तो मैंने सोचा की आपकी हेल्प कर दूं | तो उसने मुझसे थैंक यू कहा और कहा की आप बहुत भले लड़के हैं | मैंने भी हाँ में सर हिला दिया और अपनी लाइन में जा कर खड़ा हो गया और मैंने अपनी टिकेट ली | उससे पूछा कि आपको कहाँ जाना है तो उसने कहा की मुझे नागपुर जाना है (मेरे मन में तो लड्डू फूटने लगे थे ये सुन के) | मैंने दो टिकेट लेलीं हम दोनों के लिए | फिर बस आ गई और हम दोनों ने अपना अपना समान उठाया और अन्दर चले गये | बस की लास्ट की दो ही सीट खाली थी मैं अपनी किस्मत को बहुत धन्यवाद कर रहा था क्यूंकि मुझे मेरी किस्मत आज बहुत धनवान लग रही थी | हम दोनों ने अपना सामना ऊपर रखा और आजू बाजु बैठ गए | बस को चलने में अभी टाइम था तो मैं अपने लिए रास्ते से कुछ सामान लेने जा रहा था |
तो मैंने उससे भी पूछा की क्या तुम्हे भी कुछ चाहिए ? उसने ना कहा, मैंने फिर भी सोचा की चल समीर ले ही ले इसके लिए भी कुछ पट गई तो आज तुझे मजा ही आ जायगा | मैं सामान ला के बस में चढ़ गया और बस चलने लगी थी | फिर मैं अपनी सीट पर जा कर बैठ गया था मैंने उसे कोल्ड्रिंक दिया पीने को तो पेहले तो वो मना कर रही थी फिर मेरे मनाने पर वो मान गुई और फिर से मुझे धन्यवाद कहा मैंने कहा कोई न यारा चलता है | उसने मुझसे पूछा की क्या आप पंजाबी हैं ? तो मैंने कहा कि नहीं आपको ऐसा क्यूँ लगा की मैं पंजाबी हूँ ? तो उसने कहा कुछ नहीं | फिर ऐसे ही हम रास्ते में बात करते हुए जा रहे थे तब उसने मुझे बताया कि उसका नाम अंकिता है और वो वहाँ रह कर पढाई कर रही है कॉलेज की और वो वहाँ हॉस्टल में रहती है | अभी छुट्टियों में घर आई थी अब छुट्टियाँ ख़त्म हो गई हैं तो वापस नागपुर जा रही है | मैंने कहा अच्छा तो आप भी छुट्टियाँ खत्म होने के बाद जा रही हैं घर, फिर उसने कहा की हाँ क्यूँ ? आप भी छुट्टियों के बाद नागपुर जा रहे हो क्या ? तो मैंने हाँ कहा फिर उसने पूछा की आप क्या करते है नागपुर में ? तो मैंने उसे बताया की मैं नागपुर में जॉब करता हूँ और मैं भी छुट्टियों में घर आया था अब ख़त्म हो रही सो इ थॉट टू रेजोइन माय वर्क और हम दोनों ने हंस दिए |
रात को बस ढाबे के पास रुकी हम दोनों उतरे और एक चारपाई बिछी हुई थी तो हम वहाँ जा कर बैठ गये सारे यात्री उतर कर भोजन के लिए बैठ गये फिर हम दोनों ने खाना आर्डर किया और जैसे ही खाना आया हम दोनों टूट पड़े क्यूंकि दोनों को ही बहुत भूख लगी हुई थी | हम दोनों काफी अच्छे दोस्त बन गये थे फिर खाना खाने के बाद सब बस पर चढ़ गये और फिर बस ने अपनी रफ़्तार पकड ली रात | 11:30 बजे सब सोने लगे थे बस हम दोनों ही जागे हुए थे 12 बजे उसे भी नींद आने लगी थी पर मुझे नहीं आ रही थी |
वो सोने लगी और सोते सोते मेरे जांघ में अपना सर टिका लिया और भीढ़ भी धीरे धीरे छटते जा रही थी बहुत कम ही लोग बचे थे | अब मैं समझ गया था की बस अब बस नाग्पुर में ही रुकेगी | मेरे अन्दर का शैतान जाग उठा था मेरा लंड उसके छूने से खड़ा हो गया था | फिर मैंने प्लान बनाया की इसे चोदूं कैसे ? तो मैंने अपना लंड धीरे से अन्दर से निकाला और उसके मुंह में टिका दिया और उसका एक हाँथ पकड़ के अपने लंड में रख दिया और सोने का नाटक करने लगा | उसकी जब नींद खुली थी तो वो मेरा लंड देख के डर गई और एक दम से उठ कर बैठ गई उसने मुझे देखा की मैं सो रहा हूँ तब उसकी जान में जाना आई पर उसे क्या पता था की मैं जाग रहा हूँ | 2 मिनट बाद मैंने भी आँख खोला और देखा की मेरा लंड एक दम सीधा तना हुआ है ये देख के मैंने उसकी तरफ देखा तो वो बोली कि मैंने कुछ नहीं किया है | मुझे नहीं पता की ये कैसे बाहर आ गया और मैं उसकी तरफ शक भरी निगाहों से देखने लगा तो वो डर गई | उसने मुझसे सॉरी कहा तो मैंने कहा की देखो अब मैं कुछ नहीं जानता तुमने इसे निकाला है और तुम ही इसे अन्दर डालो तो उसने नहीं कहा तो मैंने उसे धमकाया की अगर तुमने ऐसा नहीं किया तो मैं सबको जगा दूंगा और तुम्हारी नाक कट जाएगी | ये सुन के वो बहुत डर गई तो वो मेरा लंड पकडके अन्दर करने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने तुरंत ही अपना मोबाइल निकाल के उसकी फोटो ले लिया उसने मुझसे कहा कि आपने ये क्या किया मैंने बोला जो मुझे करना है मैं वोई कर रहा हूँ | वो रोने लगी तो मैंने उसे कहा की देखो रोने से कोई मतलब नही है जैसा जैसा मैं कह रहा हूँ वैसा वैसा करती जाओ उसने हाँ में सर हिला दिया | तब मैंने मन ही मन में कहा की (अब कमान मेरे हाँथ में ही है ) मैंने उसे कहा की अब मेरा लंड पकड़ो तो उसने मेर लंड पकड़ी फिर मैंने कहा की अब मेरा लंड चूसो तो चूसने लगी और मैं आहा अहहः अहहः आहाहाहा हाहहहहः करने लगा | फिर मैंने उससे कहा की अपने दूध निकालो उसने अपने दूध निकाल के बाहर किये उसके दूध बहुत बड़े थे जो ब्रा में कैद थे उसके | फिर मैंने उसके दूध चूसे और वो ऊउम्म्म ऊउम्म ऊन्ह्ह अहहाह ऊमम्म्म ऊउम्म्म कर रही थी | उसके दूध पीने में मुझे बहुत मजा आ रहा था | फिर अचानक से बस रुक गई | तो उसने जल्दी से अपने दूध अन्दर कर लिए और मैंने अपना लंड अन्दर कर लिया | मैंने आवज़ लगाई क्या हुआ बस क्यूँ रुकी ? तो बाहर से आवाज़ आई की टायर पंचर हो गया है | मैंने कोई जवाब नहीं दिया फिर सब लोग सो ही रहे थे | अब हम करते भी तो क्या करते हमे मजबूरन बस में ही बैठ कर बात करनी पड़ रही थी |
मैंने कहा की बताओ तुम्हे मेरा लंड पसंद है या नहीं तो उसने कहा हाँ बहुत ज्यादा | तो मैंने पूछा की तो अभी तक मन क्यों कर रही थी | उसने कहा यार तुम मुझे पटा कर चोद लो मैं उच्च नहीं बोलूंगी पर जब कोई ब्लैकमेल करता है तब जानते हो न कैसा लगता है | मेरी नज़रे अब झुक गयी थी और मैं सोच रहा था की काश मैंने अपने दिल की सुनी होती | पर फिर मैंने उससे पूछा यार अब पट जाओ चाहता तो मैं भी यही हूँ | तो उसने कहा ये तुम्हे कहने की ज़रुरत नहीं है और इतने में ही बस चल पड़ी | अब उसकी चूत थी और मेरा लंड और हम दोनों ज़बरदस्त चुदाई कर रहे थे | उस दिन उसकी चूत से 6 बार पानी निकला था और वो अब मेरे लंड के लिए पागल सी हो गयी | मुझे भी अनजान सफ़र में एक सच्चा हमसफ़र मिल चूका था जिसे मैं सिन्दगी में कभी खोना नहीं चाहता था | दोस्तों आप सब को मेरी कहानी कैसी लगी जरुर बताइयेगा |
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