सुहागरात में दो-दो लन्ड से चुदी
हेलो दोस्तो मैं अंजली, 21 साल की हूँ, मैं गाँव में रहती हूँ, आज मैं आपको एक कहानी बता रही हूँ, वो है दो लंड का मजा और कौन सबसे बढ़िया था और क्यों मुझे अच्छा लगा वो सब मैं आपको इस कहानी के माध्यम से बताउंगी, मेरे घर में माँ बाबा के अलावा मेरी एक बड़ी बहन है, जिसकी शादी पिछले साल ही हुई है, जीजा जी बड़े ही हॉट किस्म के इंसान है, शादी के मंडप में ही जीजा जी ने मेरी चूची कस के दबा दिए थे उसी समय समझ गए थे की दीदी के साथ साथ मेरी भी चुदाई जरूर होगी।
शादी के दूसरे दिन ही दीदी जब मंदिर गई थी माँ के साथ, और जीजा जी यही थे अकेले का फायदा उठा कर जीजा जी ने मुझे किचन में मेरे होठ चूस कर लाल कर दिए थे, और पीछे से मेरे चूतड़ पे लंड रगड़ रहे थे और दोनों हाथ आगे कर के मेरी दोनों बड़ी बड़ी चूचियों को मसल रहे थे, क्या बताऊ दोस्तों उस दिन ही मेरे चूत से पानी निकलने लगा था, मैं मोटे लंड के स्पर्श को भूल नहीं सकती, मैं भी जीजा जी से चुदने का टाइम देखती रहती थी, पर दीदी की निगाह होती थी की उसका हसबैंड मेरी बहन पे मुह ना मारे पर तब भी मेरी चूचियाँ वो दबा ही देते और बाहों में जकड लेते थे।
एक दिन की बात है दीदी को अपेंडिक्स का ऑपरेशन होना था, रात में हॉस्पिटल में एक ही अटेंडेंट को रहना था, तो मम्मी वह रूक गई, रात के करीब 12 बजे हम लोग वापस आ गए, पापा किसी काम से बाहर गए थे, घर में मैं और मेरे जीजाजी थे, बस घर आते ही उन्होंने मेरे चूचियों को दबाना सुरु कर दिया, किश करने लगे होठ पे, मुझे लगा की शायद ये मेरे लिए ठीक नहीं होगा पर मैं भी फिसल गई उनके प्यार में और गले लगा लिया अपने प्यारे जीजू को, फिर क्या था उन्होंने मुझे गोद में उठा के बेड पे ले गए, उन्होंने मेरे टी शर्ट को उतार दिया, मेरा मस्त चूच अभी तक ब्रा के अंदर था पर ऊपर से देख कर उनके मुह से निकला फिर वो पीछे से मेरे ब्रा के हुक को खोल दिए।
क्या बताऊ दोस्तों वो ऐसे मेरे बदन पे टूट पड़े जैसे की प्यासे को पानी मिल गया हो, मैं भी उतना ही प्यासी थी मैं भी उनके होठो को चूसने लगी उनके छाती के हलके हलके बालों को सहलाने लगी, उन्होंने मेरे दोनों हाथ ऊपर कर दिए और मेरे कांख के बाल को चाटने लगे मुझे अजीब सी सिहरन और गुदगुदी होने लगी पर बहुत अच्छा लग रहा था वो फीलिंग उन्होंने मेरे चूच को दबाते हुए निचे आये और मेरे नैवेल में जीभ डाल कर गिला कर दिया। असल काम तो अब स्टार्ट हुआ था उन्होंने मेरे चूत के बाल को बड़े हलके से सहलया और मुझे देख के मुस्कुराया और पूछा क्या ये अन टच है मैंने हां में जवाव दे दिया क्यों की मैं आज तक किसी से नहीं चुदी थी।
फिर क्या था पहले तो उन्होंने मेरे चूत को चिर कर देखा और बोले अंदर बिलकुल खरबूजे की तरह लाल है तुम्हारा चूत आज मैं इस खरबूजे का जूस निकलूंगा मेरी प्यारी साली साहिबा, मैं बोली देखती है कैसे आप जूस निकलते है पर मैं आपको बता देती हु ऊँगली डाल कर तो देखो मैंने आपके लिए पहले से ही जूस निकाल दी उन्होंने जब ऊँगली थोड़ा अंदर डाला मेरे चूत से गिला गिला सा तरल पदार्थ निकल रहा था उन्होंने अपने जीभ से उसको चाटना सुरु किया और कहा गजब का स्वाद है तेरे चूत की तो बात ही कुछ और है मेरी जान, फिर वो मेरे चूत पे टूट पड़े। और चाटने लगे काफी देर चाटने के बाद, मैंने कहा जीजा जी मेरे चूत में अब बहुत खुजली हो रही है प्लीज अब देर ना करते हुए शांत कर दो।
उसको बाद तो उन्होंने हथोड़े की तरह अपना लंड निकाला और मेरे चूत के छेड़ पर रखकर उन्होंने पेल दिया अब क्या बताऊँ दोस्तों ये मेरी पहली चुदाई थी मेरा बूर तो फट गया खून निकलने लगा पर मैं भी वो सब का परवाह ना करते हुए मैंने भी अपने चूतड़ को उठा उठा कर चुदवाना सुरु कर दिया वो ऊपर से मैं निचे से धक्के लगा रही थी और पूरा कमरा फच फच की आवाज से गूंज रहा था मेरे मुह से आअह आअह आआह की आवाज निकल रही थी और मेरे जीजा जी भी उफ़ उफ् ले साली ले साली देख लंड का कमाल यही सब कह रहे थे और मुझे चोदे जा रहे थे। करीब उस रात को 5 बार चोदा था उन्होंने। सुबह हुई फिर हम दोनों दीदी को लाने के लिए चले गए शाम को दीदी भी आ गई।
फिर तो कभी बाथरूम में कभी किचन में कभी छत के सीढ़ी पर जहा भी मौका मिलता था बस चुद जाती थी वो दस दिन रहे और वो मुझे खूब चोदे। फिर मेरी शादी तय हो गई और शादी पंद्रह दिन के अंदर ही हो गया मेरी विदाई दूसरे दिन होनी थी क्योंकी उस दिन दिन ठीक नहीं था इस वजह से सुहागरात का इंतज़ाम यही हो गया। मेरे हसबैंड काफी लम्बे चौड़े बड़े ही सुन्दर खूब खुश थी की चलो अब तो लंड ही लंड मिलेगा मैं दूध का गिलास लेके पहले से घूंघट में तैयार थी मेरी तो चूत और चूचियाँ फड़क रही थी। मुझे लंड चाहिए था वो आये फिर थोड़े देर तक बात चित की और फिर मेरे होठ को चूसते हुए लिटा दिए।
क्या बताऊँ दोस्तों उन्होंने मुझे इतना छेड़ा इतना छेड़ा कभी चूत में कभी बूब पे कभी गांड में कभी नाभि पे कभी होठ पे मैं पानी पानी हो गई मैं बहुत ही कामुक हो गई थी। मुझे उन्होंने अंग अंग हिला के रख दिया, आज तक मैंने वैसा कभी महसूस नहीं किया था अब मैं बहुत ही गरम हो गई थी अब मुझे आदमी का क्या हाथी का भी लंड मिलता तो अंदर डलवा लेती। मैंने झकझोर के कहा देर मत करो मैं अब पागल हो जाउंगी उन्होंने अपना लंड निकाला मैं हैरान हो गई क्योंकी जैसा शरीर था वैसा लंड नहीं था खड़ा होने के बाद करीब 6 इंच का था मैं मदमस्त जवानी से भरपूर लड़की और सत्तर साल के बूढ़े जैसा लंड, उन्होंने बड़े मुस्किल से मेरे चूत के अंदर डाला मैं खीज गई पर करती क्या फिर मैंने होश से काम लिया और उनको किश करने लगी लगा की ये हम दोनों का पहला मिलान है इस वजह से ये सब हो रहा था पर वो कुछ भी नहीं हुआ वो दो मिनट के अंदर झड़ गए और निचे होकर सो गए मेरे रोम रोम चुदाई की डिमांड कर रहा था मैंने उठाने की कोशिश की पर वो नहीं उठे। मैं तड़प रही थी उनकी चुदाई के लिए फिर मैंने उठाया पर वो अब गहरी नींद में सो गए मैं पांच मिनट तक सोचते रही फिर मैंने अपने जीजा को व्हाट्सप्प किया। तो वो बोले आपकी दीदी सो गई है और मैं अभी आपकी याद में जग रहा हूँ मुझे तो लग रहा है की मेरी ज़िंदगी का एक टुकड़ा खो गया है मैं आपको बहुत प्यार करता था पर अब आप किसी और की हो गई है। मैंने कहा आप छत पे आ जाओ।
वो छत पे आ गए और मेरी तड़पती जिस्म को मैंने उनके हवाले कर दिया असल में सुहागरात उन्होंने ही मनाया। मैं जीजा जी से ही चुदवाती थी पर अब वो भी विदेश जा रहा है एक साल के लिए मेरे पति किसी काम का ही नहीं है।
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