contd
मेरा अभी झड़ने में समय था। मैंने
कुर्सी पर बैठ कर उसे गोद में
बिठा लिया और उसकी दोनों टाँगें
फ़ैलाकर उसकी बुर को चोदने लगा।
वो उत्तेजना से चिल्लाने लगी और फ़िर एकदम से उसका शरीर अकड़ने
लगा और वो मुझसे चिपक गई। मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल
लिया और उसकी गांड पर
थोड़ा सा तेल लगा दिया। उसने कहा- क्या ये भी चाहिये? मैं बोला- जान ! इसी ने तो मुझे पागल
बना रखा है ! उसे घोड़ी बना दिया, मैंने उसकी चूत
से अपना लंड भिगा लिया और फ़िर
उसकी गांड़ पर अपना सुपाड़ा रखकर
सहलाने लगा। उसने कहा- धीरे धीरे करना... मैंने एक हल्का दवाब दिया और
सुपाड़ा अन्दर डाल दिया।
वो ऊँह्ह्ह्ह्ह्...कहकर उछ्ली और मैंने
उसके गोलों को दबाते हुए एक जोर
का झटका दिया और लगभग आधा से
ज्यादा लंड उसकी गांड में समा गया। उसने अपने दोनों हाथ अपनी गांड पर
रखे और उसे फ़ैलाने लगी। मैंने
अपना एक हाथ उसके मुँह पर रख्कर
दूसरा हाथ उसकी गांड पर रखकर पूरे
दम से पेल दिया और मेरा पूरा लंड
उसकी गाण्ड में घुस गया। फ़िर थोड़ी देर के लिये ऐसे ही लेटा रहकर
उसकी चूचियाँ दबाने लगा और कमर
चाटने लगा। फ़िर उसने अपने
कूल्हों को झटका दिया और मेरा लंड
और अन्दर समा गया। मैं उसका इशारा समझ गया और उठ कर
एक छोटा धक्का मारा। उसने जवाब में
अपनी गांड उठा दी और मेरा लन्ड
अन्दर ले लिया। फ़िर मैंने अपने
झटके तेज कर दिये और मेरे हर झटके
पर वो अपनी गांड और उछालती जा रही थी। अब मैं झड़ने वाला था, मैंने उससे कहा-
मैं तुम्हारी गाण्ड में अपना रस भरने
वाला हूँ। इस पर उसने अपनी अंगुलियों से
गांड का छेद फ़ैलाया और बोली- भर
दो मेरी गांड ! मैं अपनी पूरी ताकत से धक्के लगाने
लगा और मेरा लंड उसकी गांड का छेद
चौड़ा करने लगा और मेरे टट्टे
उसकी उंगलियों पर लगने लगे।
करीब 20-25 झटकों के बाद
उसकी गांड में पूरा लण्ड घुसाकर मैंने अपनी धार छोड़ दी और उसके ऊपर
ही लेट गया। उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया।
थोड़ी देर बाद हम उठे और एक दूसरे
को बाहों में भर लिया। फ़िर मैं उसे
किस करते हुए बाथरूम में ले गया और
उसे दीवार के सहारे खड़ा कर
दिया और शावर चला दिया। वो और मैं पूरा भीग गये और उसके भीगे बदन
से गिरती बूँदों ने मेरे लंड में एक बार
फ़िर तनाव बढ़ा दिया। इसे देखकर
वो बोली- आज तो आप कुछ
ज़्यादा ही रोमांटिक हो रहे हो ! मैंने कहा- तुम हो ही इतनी सेक्सी... और मैंने उसे नीचे बैठा दिया और
वो भी पूरे मन से मुझे फ़िर से चूसने
लगी। उसने कहा- क्या मैं इसका पूरा रस
पी सकती हूँ? मैंने कहा- मैं भी यही चाहता हूँ। और उसने मेरा लंड अन्दर बाहर
करना शुरु किया। उसने अपने
दोनों हाथों से मेरा लंड रगड़ना और
चूसना चालू किया, वो उसे
चूसती रही, कभी लंड चाटती,
कभी टट्टे चाटती और कभी गांड में उंगली करने लगी। मेरा लंड रस से
भरा जा रहा था और फ़िर उसने मेरे
टट्टे दबाना चालू किया और मेरे टट्टे
की लाईन को चाटने लगी। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैंने
उसे इशारा किया और उसने मेरे लंड
को तेजी से अन्दर बाहर करना चालू
किया और मेरे टट्टों को जोर जोर से
दबाने लगी। थsोड़ी देर में मेरा गरम
गरम वीर्य उसके मुँह में छूटने लगा और उसने एक एक बूंद पी ली। उसने मेरे लंड को अपनी चूचियों पर
रगड़ा और उन्हें भी भिगा लिया।
फ़िर हम दोनों नहाए और मैंने एक
बार और उसे चाट कर शांत किया। हम
दोनों बाहर आये और हमने शीशे के
सामने एक दूसरे की शरीर की मसाज़ की और मैंने उसे ब्रा-पैंटी पहनाई और
उसने भी मेरे लंड की मालिश करके
मुझे कपड़े पहनाये। फ़िर वो जाने लगी तो मैंने उसे एक
लम्बा स्मूच किया और चूतड़ दबाए
और उसने भी मुझे स्मूच किया और
मेरा लंड सहलाया। फ़िर हम गले
मिले और वो चली गई।
...


Post a Comment
आपको हमारी वेबसाइट / ब्लॉग के लेख कैसे लगे इस बारे में कमेंट के माध्यम से बताएं