contd 2
लड़का लड़की 69 में एक दूसरे को चाट और चूस रहे थे। मैं दरवाजे के बगल में
खड़ा होकर उसे देखने लगा। वो धीरे धीरे गर्म हो रही थी और
अब वो अपनी साड़ी के ऊपर से
अपनी चूत रगड़ रही थी। अब
मेरा भी लौड़ा उसकी तेज़ साँसों से
हिलती चूचियों को देखकर
खड़ा होने लगा था। मैं एकदम से कमरे में घुस गया और उसने मुझे देखते
ही अपना हाथ चूत से हटा लिया पर
वो सामने चल रही ब्लू फ़िल्म बन्द
नहीं कर पाई। मैंने उससे कहा- तुम्हें तो मूवी चाहिये
थी तो मेरा पर्सनल फ़ोल्डर
क्यों खोला? तो उसने जवाब नहीं दिया और सिर
झुका लिया। तो मैंने उसे उठाया और उसकी कमर में
हाथ डालकर उसके होंठों पर अपने
होंठ रख दिये और एक
छोटा सा किस किया। उसने
अपनी आँखें उठाई और मुझे देखकर
'आई लव यू' कहा और मुझे अपनी बाँहों में भर लिया। मैंने
उसकी गर्दन पर चूमा और कहा 'आई
लव यू टू' और उसे बहुत कस कर
अपनी छाती से चिपका लिया।
उसकी चूचियाँ मेरे सीने से
टकरा रही थी और मेरा लंड उसकी नाभि पर रगड़ रहा था। हम
एक दूसरे से ऐसे चिपके हुए थे
कि हवा भी हमारे बीच से
नहीं निकल सकती थी। फ़िर मैंने उसे बेड पर बिठाया और
उसके गले में हाथ डाल दिया। फ़िर
हम दोनों वो ब्लू फ़िल्म देखने लगे।
अब लड़का लड़की की चूत से
लौड़ा रगड़ रहा था। यह देखकर उसने
मेरे शर्ट में हाथ डाल दिया और मेरी छाती पर हाथ फ़िराने लगी। मैंने
भी उसके पेट पर हाथ फ़िराना शुरु कर
दिया और उसके होठों को चूसने
लगा। फ़िर हम किस करते करते
फ़िल्म देखने लगे। अब लड़की लड़के का लंड अपनी गांड
पर रगड़ने लगी और उस पर बैठ कर
झटके मारने लगी। यह देखते
ही मेरा हाथ उसकी गाण्ड के
गोलों को दबाने लगे। दोनों गोले एकदम रूई की तरह थे और
वो गर्म होती जा रही थी, फ़िर
उसने मुझसे कहा- जान ! मुझे
भी आपसे ऐसे ही हर तरीके से प्यार
करना है। मैंने तुरंत अपने हाथ उसके ब्लाउज में
डाले और उसका ब्लाउज खोल
दिया और उसने भी मेरी शर्ट फ़ाड़
दी। अब उसकी चूचियों पर केवल
गुलाबी रंग की ब्रा थी और
उसकी ब्रा से उसके स्तन बाहर आने को बेताब हो रहे थे। मैंने कहा- तुमने रसोई में
इन्ही चूचियों को दिखाकर लंड
खड़ा किया था आज मैं इन्हें
नहीं छोड़ूँगा। उसने कहा- तुम इनका दूध
क्यों नहीं पीते? और उसके इतना कहते ही मैंने
उसकी ब्रा के कप ऊपर कर दिये और
उसकी तनी हुई चूचियाँ मेरे सामने
थी। मैंने धीरे से उसके चुचूक
को चाटा तो वो सिस्स्स्... कर
उठी। फ़िर मैंने उसके दोनों चूचों को पकड़ा और उनके नीचे
चाटने लगा, वो उम्म्म्म... आह्ह्हह्...
करने लगी। मैंने उसे उठाया और उसकी ब्रा खोल
दी। उसने मुझे बेड पर
धक्का दिया और मेरा बरमूडा उतार
दिया। फ़िर वो अपने हाथों से
मेरा लंड सहलाने लगी और मुझे चूमने
लगी। फ़िर उसने एक झटके में मेरा कच्छा उतार दिया और मेरा लंड
देख कर बोली- यह तो मेरी सोच से
भी ज़्यादा सुंदर है। और मेरे लंड का टोपा चाटने लगी। धीरे
से मैंने उसकी साड़ी में हाथ डालकर उसे
खोल दिया और उसने तुरंत
अपनी पैंटी मेरे मुँह पर रख दी।
वो मेरा लंड चूसते हुए आहें भरने
लगी और जब वो चाह कर भी पूरा लंड ना ले पाई तो बोली- जान !
कितना लंबा है आपका ! पूरा लेने में
मजा आयेगा... मैंने आहें भरते हुए कहा- यह तो 8 इंच
का है और तुम इसे पूरा लोगी ! और इतना कहकर मैंने एक झटका मार
दिया और पूरा लंड उसके गले में
चला गया। वो उम्म्म... आह्ह्ह... करने
लगी। मैंने उसे खड़ा किया और
पूरी नंगी कर दिया। फ़िर उसे
दीवार के सहारे खड़ा किया और उसके होंठ चूसने लगा और
अपनी उँगलियाँ उसके दाने पर
फ़िराने लगा। फ़िर उसके पूरे शरीर
को अपने चुम्बनों से गीला कर
दिया और उसकी नाभि चाटने
लगा और वो मुझे अपने अन्दर घुसाने लगी। फ़िर मैंने उसे गोद में उठाकर मेज पर
लिटाया और उसकी चूत चाटने लगा।
अब तक की चुम्मा-चाटी से
उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी और
उसकी नमकीन चूत के
दोनों होंठों को मैं अपनी जीभ से निकालकर चाटने लगा। वो अपने
चूतड़ उठाकर मेरे मुँह में अपनी पूरी चूत
भर रही थी और उसके कूल्हों के झटके
और चूत की खुशबू से मेरा लंड और
तनता जा रहा था। अब मैं उसकी चूत के अंदर
अपनी जीभ घुमाने लगा। वो आह्ह्ह्ह
ह्ह ह्ह्ह्ह्ह्... करके जोर से
चीखी और अपनी ठोढ़ी पर मेरा लंड
रखकर मेरे दोनों ट्टटे चूसने लगी।
अब वो धीरे धीरे बेकाबू होने लगी और उसने मुझे खड़ा कर
दिया और एक लंबी साँस भरकर
मेरा पूरा लन्ड मुँह के अन्दर भर लिया,
उसके चेहरे पर खुशी दिख रही थी,
उसके हर झटके पर मेर लंड और अंदर
घुसता जा था। थोड़ी देर ऐसे ही चूसने के बाद
वो बोली- मैं उसी फ़िल्म
वाली लड़की की तरह कर रही हूँ ना? कहानी जारी रहेगी
मैंने उसे गोद में उठाकर मेज पर
लिटाया और उसकी चूत चाटने लगा।
अब तक की चुम्मा-चाटी से
उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी और
उसकी नमकीन चूत के
दोनों होंठों को मैं अपनी जीभ से निकालकर चाटने लगा। वो अपने
चूतड़ उठाकर मेरे मुँह में अपनी पूरी चूत
भर रही थी और उसके कूल्हों के झटके
और चूत की खुशबू से मेरा लंड और
तनता जा रहा था। अब मैं उसकी चूत के अंदर
अपनी जीभ घुमाने लगा। वो आह्ह्ह्ह
ह्ह ह्ह्ह्ह्ह्... करके जोर से
चीखी और अपनी ठोढ़ी पर मेरा लंड
रखकर मेरे दोनों ट्टटे चूसने लगी।
अब वो धीरे धीरे बेकाबू होने लगी और उसने मुझे खड़ा कर
दिया और एक लंबी साँस भरकर
मेरा पूरा लन्ड मुँह के अन्दर भर लिया,
उसके चेहरे पर खुशी दिख रही थी,
उसके हर झटके पर मेर लंड और अंदर
घुसता जा था। थोड़ी देर ऐसे ही चूसने के बाद
वो बोली- मैं उसी फ़िल्म
वाली लड़की की तरह कर रही हूँ ना? तो मैंने उसे चूमते हुए कहा- तुम
तो उससे भी अच्छा कर रही हो... मुझे
तो जन्न्त जैसा लग रहा है। इतना कहकर मैंने उसके बाल पकड़े और
उसके मुँह में झटके मारने लगा और
वो अपनी चूत रगड़ने लगी। करीब
आधे घंटे तक ऐसे ही हम एक दूसरे के
हर अंग से खेलते रहे और मजे लेते रहे।
वो बीच में एक बार छूट चुकी थी और अब हम दोनों छूटने वाले थे। मैंने उससे कहा- मैं छुटने वाला हूँ ! उसने कहा- मैं भी ! और हम दोनों 69 में हो गये और एक
दूसरे के मुँह में झटके देने लगे। 10-15 झटकों के बाद मेरे लंड ने एक
जोर का झटका मारा और उसके मुँह में
मैं छूटने लगा और वो भी छूटने
लगी और मेरे सड़के (वीर्य) से जब
उसका पूरा मुँह भर गया तो उसने लंड
बाहर निकाल कर अपनी चूचियों पर रख दिया और
उसका पूरा शरीर मेरे वीर्य से भीग
गया। मैं झुक कर उसकी चूत चाटने लगा और
उसका पूरा पानी पी गया और फ़िर
बेड पर लेटकर उसकी चूत में
उंगली करने लगा। वो उठी और मेरे होठों पर एक
बड़ा सा स्मूच किया और फ़िर मेरे
सामने खड़ी हो गई और अपने शरीर
पर के वीर्य को पूरे शरीर पर रगड़ने
लगी। वो सच में फ़िल्म की हीरोइन
से अच्छा कर रही थी। उसके इस तरह करने से मेरा लंड फ़िर से खड़ा होने
लगा और मैं उसे पकड़ कर रगड़ने लगा।
मुझे ऐसा करता देखकर वो भी सोफ़े
पर बैठ गई और अपनी चूत पर हाथ
फ़िराने लगी। एक दूसरे को मुठ मारते
देखकर हम दोबारा गर्म होने लगे, वो उठ कर मेरे पास आई, मेरे पेट पर
बैठ गई और अपनी चूत मेरे लंड के ऊपर
वाले हिस्से और झाटों पर रगड़ने
लगी और अपने दोनों चूचे पकड़कर मेरे
गालों और होठों से रगड़ने लगी। उसकी गीली चूत मेरे लंड के ठीक
ऊपर रगड़ रही थी और मेरे लंड
का सुपाड़ा गीला होता जा रहा था।
उसके दोनों चूचे मैंने पकड़ लिये और
जोर जोर से दबाने लगा। मैं अपना लंड
उसके दाने पर रख कर रगड़ने लगा। वो बहुत गर्म हो रही थी और अब मेरे
चुचूकों को काटने लगी थी। मेरा लंड अब उसकी चूत
की गर्मी को महसूस कर सकता था।
मैंने अपना सुपाड़ा धीरे से उसकी चूत
के छेद पर रखा, एक
हल्का सा झटका दिया और
आधा सुपाड़ा अंदर चला गया। वो आह्ह्ह्...कह कर उछली और मैंने
उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये
और धीरे धीरे चूमने लगा। और फ़िर थोड़ा सा दम लगाकर एक
बड़ा झटका दिया और लगभग
आधा लंड उसकी चूत की दीवारों से
रगड़ता हुआ अंदर घुस गया। उसने मेरे
होंठ काट लिये और अपनी चूत
सिकोड़ ली और उम्म्म्म्... कर उसने मेरे हाथ अपने कूल्हों पर रख दिये।
मैंने फ़िर से एक दमदार
झटका मारा और मेरा लगभग पूरा लंड
उसके अन्दर पहुँच गया। मैंने
अपना हाथ उसकी चूत पर रखा,
देखा तो खून नहीं आ रहा था। मैंने उसकी दोनों टाँगों को फ़ैलाया और
उसकी गाण्ड अपनी जाँघ पर
रखी और उसका चेहरा अपने हाथ में
लेकर पूछा- तुम वर्जिन नहीं हो?
उसने मेरे गले में हाथ डालकर कहा- एक
बार बास्केटबाल खेलते वक्त मेरी चूत से खून आया था शायद तब सील टूट
गई थी। और इतना कहकर उसने अपनी चूत
को हल्का सा टेढ़ा करके मेरे लंड पर
एक झटका दिया और मेरा पूरा लंड
उसकी चूत में घुस गया। मैं धीरे धीरे
झटके मारने लगा और उसकी और आहें
निकलने लगी। अब पूरे कमरे में मेरे धक्कों और
उसकी आहें सुनाई दे रही थी। 10
मिनट ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसे
बेड पर लिटा दिया और उसके बगल
में लेटकर अपना लंड उसकी चूत के
होठों पर रगड़ने लगा। वो मुड़ी और कहा- ऐसे ना तड़पाओ ! उसकी आँखों के नशे को देखकर
मेरा लंड और तन गया और मैंने
उसकी चूत में जोर से अपना लंड पेल
दिया। इस बार मेरे हर झटके पर
उसकी चूत मुझे और फ़ैलती हुई लग
रही थी और वो सेक्सी सेक्सी बातें करे मुझे और उकसा रही थी- जान !
हा... आह्ह्ह्ह्ह ह्ह्ह... उम्म्म्म्म्
म्म्म्म्...ओह्ह्ह्...आह्ह्ह्ह्... ऐसे
ही हाँ और अंदर पेलो। आहा...
मेरी चूत तो भर गई है जान ! आहा...
जान ! और तेज़ आह्ह्... और अंदर आह्ह्ह्... ओह्ह्ह्... जान ! मेरी चूत
तुम्हारे लंड की गुलाम है। मुझे पनी रांड
बना लो। आह्ह... मैं तुम्हें अपनी चूत
की गहराई में महसूस करना चाहती हूँ...
आअह्ह्ह्ह्... चलो अब मुझे शीशे के
सामने खड़ा करके चोदो, मुझे तुम्हारा लंड अपनी चूत को फ़ाड़ते हुए
देखना है ! इतना कहकर वो उठ खड़ी हुई और
उसके मटकते हुए चूतड़ देखकर मैं उसके
पीछे पहुँच गया और उसकी एक टाँग
उठाकर अपना लंड उसकी चूत में पेल
दिया। वो अपना दाना रगड़ने
लगी और अपनी चूत में मेरा लंड जाते हुए शीशे में देखने लगी। मैंने अपने
झटके और तेज कर दिये और
वो भी गांड हिलाकर साथ देने लगी।
शीशे में उसकी हिलती हुई गांड और
चूचियाँ देखकर मेरा जोश
बढ़ता जा रहा था और मैंने अपने झटके और तेज कर दिये। वो बस झड़ने वाली थी और
...


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