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चाची को नहाते देख मेरा तो निकल गया
नमस्कार दोस्तौ यह बात तीन साल पहले की है जब मैं बीस साल का था। मैं बनारस में पढ़ता था और मैं सिर्फ छुट्टियों में ही घर जाता था। मैं बनारस के एक होस्टल में रहता था। एक दिन मेरे घर से फ़ोन आया और मुझे घर बुला लिया गया। मुझे नहीं पता था कि मुझे घर क्यों बुलाया गया है। घर में मेरे मम्मी-पापा और चाचा चाची रहते थे। चाचा की शादी हुए अभी नो महीने हुए थे घर जाकर पता चला कि मम्मी पापा किसी काम के लिए बाहर जा रहे हैं और घर में सिर्फ चाची है। चाचा तो पहले से ही ऑफिस के काम से बाहर गए हुए थे। मेरी चाची का नाम सपना है, उनकी उम्र तब 21 साल थी। वो बहुत सेक्सी हैं।
जब घर में हम दोनों ही थे तो मेरा मन नहीं लग रहा था। चाची ने मुझसे पूछा क्या बात है? तुम उदास क्यों लग रहे हो?मैंने कुछ नहीं बताया और बात को टाल दिया। कुछ दिन बीत गए। एक सुबह की बात है जब मैं उठा तो देखा कि घर में कोई नहीं है। मैंने चाची को आवाज़ लगाई तो चाची की आवाज़ बाथरूम से आई। मैं समझ गया कि चाची नहा रही है। मुझे एक हरकत सूझने लगी, मेरा मन तो वैसे ही चाची को चोदने का था क्योंकि उसके कूल्हे तो बड़े ही मस्त लगते थे जब वो झाड़ू निकाला करती थी।
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अब मेरा लण्ड सलामी दे रहा था। मैं धीरे से पीछे गया और बाथरूम की खिड़की में से झाँकने लगा। क्या नजारा था वो बिल्कुल नंगी नहा रही थी चाची के गोल गोल चूचे हिल रहे थे। थोड़ी देर मैं उसे देखता रहा, बाद में वो नहा कर बाहर चली गई और मैं जल्दी से वहां से भाग़कर अपने कमरे में चला गया। मेरी आँखों में उसकी नंगी तस्वीर आ रही थी और मेरा लण्ड की ज्वाला भड़क रही थी। तो मैंने बाथरूम में जाकर मुठ मार ली और अपने मन को शांत कर लिया। पर रात को मेरा ध्यान चाची की तरफ ही जा रहा था। सुबह होते ही मैंने फिर देखा और ऐसे ही 4-5 दिन तक चाची को नंगी नहाते देखता रहा।
एक दिन मैं चाची को देख रहा था कि चाची की नज़र मेरे ऊपर पड़ गई। पर चाची को यह नहीं पता था कि वो मैं ही हूँ क्योंकि उस खिड़की के पास से कई लोग जाते थे।
अगले दिन सपना चाची ने खिड़की पर पर्दा लगा दिया और मेरा मज़ा जाने लगा। मुझे रात को आईडिया आया और मैंने चाची को जाकर कहा- मुझे बुखार हो रहा है और मेरा बदन दुःख रहा है।
चाची ने मुझे कहा- तुम मेरे कमरे में सो जाओ !
मैं चाची के कमरे में जाकर सो गया और रात को मैंने एक बार नाटक किया तो चाची ने कहा- मैं तुम्हारे बदन पर मालिश कर देती हूँ। मुझे तो यह सुन कर ही मजा आ गया था। चाची मालिश करने लगी और मेरा आठ इंच का लण्ड खड़ा हो गया तो चाची को शर्म आने लगी।
उन्होंने मुझसे हिम्मत करके पूछ ही लिया- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा- हाँ तो वो हँस पड़ी और बोली तभी तुम्हारा यह हाल है। मैंने अनजान बनते हुए कहा- मैं समझा नहीं, क्या बोल रही हो तुम ?
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तो उन्होंने कहा- तुम बड़े हो गए हो मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे और वो धीरे धीरे गर्म हो रही थी पर मुझे नहीं पता था।
थोड़ी देर मालिश करवाके मैं वहीं चाची के कमरे में ही सो गया। रात में मै नींद में था, मुझे लगा कि मेरे लण्ड पर कुछ चल रहा है। मैंने धीरे से आँख खोली तो देखा कि चाची मेरे लण्ड पर हाथ फेर रही है और वो धीरे धीरे मेरी निक्कर को नीचे कर रही है। मेरा लण्ड गर्म हो गया, वो तन गया था चाची ने मुझे आवाज़ लगाई यह देखने के लिए कि मैं जाग रहा हूँ या सो रहा हूँ। मैं कुछ नहीं बोला, वो समझी कि मैं सो रहा हूँ। वो तो गर्म हो चुकी थी, उसने मेरे निक्कर पूरी खोल दी और मेरे लण्ड को मुँह में भर लिया। पर मैं चुपचाप लेटा रहा। थोड़ी देर बाद मैंने जागने का नाटक किया और कहा- क्या हुआ चाची ?
उसने मुझे कहा- कुछ नहीं देख दे थी !
मैंने कहा- क्या देख रही थी तुम?
मैंने हिम्मत करके बोल दिया- मैं दिखाता हूँ आपको !
मैंने उसे पकड़ लिया और उसके मुँह में मेरे मुँह को डाल दिया और चूसने लगा। थोड़ी देर तक हम यह करते रहे। बाद में मैंने कहा- वैसे भी मैं तुम्हें कब से चोदना चाहता था।
उसने बोला- मैं भी तुम से कब से चुदवाना चाहती थी !
और मैंने देर नहीं करके उसकी चूत पर अपना हाथ रख लिया। उसकी चूत तो पहले से ही गीली थी। वो भी मेरे लण्ड को मसल रही थी। मैंने उसके चूचों को मुँह में ले लिया और चूसने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने कहा- तुमने कभी लण्ड चूसा है?
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वो बोली- चूसा है ! अभी तुम्हारा चूस रही थी, और भी चूसूंगी ! और वो फट से मेरा लण्ड चूसने लगी। मैंने भी उसकी पैन्टी उतार कर अपनी जुबान उसकी चूत पर रख दी। करीब दस मिनट बाद वो मेरे बाल पकड़ कर अपनी चूत में मेरा मुँह दबाने लगी। मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है। फिर मैंने अपना तना हुआ लंड चाची की गीली योनि में डाला दिया और उसने मुझे पकड़कर अपनी तरफ खींचकर लंड को अपनी चूत में पूरा अंदर कर लिया। चाची और में अब पूरी तरह से पसीने में भीगे हुए थे और गीले होकर पूरी नंगी चाची से चिपकने में क्या मज़ा आ रहा था?
फिर में चाची की योनि में घुसे हुए अपने लंड को आगे पीछे करने लगा और में उसके ऊपर लेटे हुए ही उसको स्मूच करने लगा, लेकिन करीब एक मिनट ही हुआ होगा और ज्यादा जोश में आने और उत्तेजित होने की वजह से मेरा वीर्य निकल गया और फिर में पूरा वीर्य अंदर डालकर लंड को बाहर निकालकर दूर हट गया और उन्हें किस करने लगा। अब चाची भी अपनी जगह से उठने लगी, तो मैंने कहा कि अभी थोड़ी देर तो रुको, उसने मुझसे कहा कि यह सब मुझे साफ करना पड़ेगा, कपड़े भी पहनने है अगर कोई आ गया तो देख लेगा।
फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं होगा और वैसे भी हम दोनों के अलाबा अंदर तो कोई आ भी नहीं सकता,और इतना कहकर मैंने चाची को दोबारा अपने ऊपर लेटा लिया में करीब 10-15 मिनट तक चाची के गुलाबी होठों को चूसता रहा और उनकी जीभ को भी चूसता रहा।
अब मुझे थोड़ी प्यास लगी थी जो पानी बोतल में बचा हुआ था वो थोड़ा मैंने खुद पी लिया और बैठाकर चाची को भी दे दिया। फिर स्मूच लेते हुए मेरे हाथ उसकी हर एक जगह पर गये और फिर मैंने दोबारा चाची के बूब्स चूसे और उन्हें बिल्कुल लाल कर दिए, जिसकी वजह से वो जोश में आकर मोन करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी थी। फिर मैंने सही मौका देखकर चाची के दोनों पैर फैलाए और दोबारा चाची की योनि के मुहं पर में अपना लंड रखकर एक ज़ोर से धक्का देकर लंड को चूत में डाल दिया और मेरा पूरा लंड फिसलता हुआ अंदर जा पहुंचा और अब में पांच मिनट तक लंड को लगातार आगे पीछे करता ही रहा।
चाची के गीले बूब्स अब मेरी छाती से रगड़ रहे थे और में उनके बूब्स पर हाथ फेरता रहा। फिर कुछ देर बाद मैंने चाची को अब उल्टा कर दिया और चाची के बूब्स पर हाथ रखे और पीछे से योनि में लंड डाल दिया फिर में ऊपर नीचे होता रहा और तेज़ तेज़ उनकी चुदाई करने लगा जिसकी वजह से चाची की हल्की हल्की आवाज़ें निकल रही थी और 5-6 मिनट ऐसा करने के बाद मेरा वीर्य अब निकलने वाला था। फिर जैसे ही में झड़ा तो में पीछे हट गया और मेरा पूरा वीर्य चाची के कूल्हों के ऊपर और पीठ के ऊपर गिर गया।
फिर मैंने चाची की पेंटी से उसे साफ किया और फिर चाची मुझसे बोली कि तुमने ऐसा क्यों किया।
फिर तभी मैंने अपने वीर्य को उसके मुँह से मज़ाक में चिपका दिया, जिसकी वजह से वो मुँह सा बनाने लगी, लेकिन दोस्तों मुझे मज़ा आ गया। फिर उसके बाद 3-4 मिनट में और मेरी सपना चाची नंगे ही एक दूसरे से चिपके रहे और वो बोली कि तुम बहुत अच्छे हो में तुमसे प्यार करती हूँ और मैंने उसे हल्के से किस किया और हग किए रखा। फिर चाची मुझसे बोली कि अब तुम नहा लो तुम्हे जाना है तो मैंने कहा कि क्या तुम नहा लिए? तो उसने कहा कि हाँ लेकिन अब तो मुझे दोबारा नहाना पड़ेगा। फिर मैंने पूछा कि क्यों अब तुम्हे दर्द है? तो उसने कहा कि नहीं, मैंने कहा कि चल हम साथ में नहाते है।
फिर में सपना चाची को पूरी नंगी ही अपनी गोद में उठाकर बाथरूम में ले गया और वहां पर मैंने पानी के नीचे चाची के हर एक अंग को छुआ और चूमा।
फिर नहाने के बाद कपड़े पहनने लगा, लेकिन वो बेड पर ही थी। फिर दोबारा में गीली और पूरी नंगी चाची को उठाकर बेडरूम में ले गया और दोबारा किस किया और चाची को बेड के किनारे बैठा दिया और एक बार फिर से मैंने चाची की योनि में अपना लंड डाल दिया, वैसे तो हम गीले थे, लेकिन फिर भी मुझे चूत में थोड़ा सूखापन महसूस हुआ और में चाची से संभोग करता रहा। चाची को थोड़ा दर्द होने लगा था और में समझ गया कि यह दर्द उन्हें सूखेपन की वजह से है।
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फिर मैंने लंड को बाहर निकाला और चाची की गीली पीठ पर लंड को थोड़ा घुमाया, लेकिन फिर सोचा कि इससे भी कुछ नहीं होगा। फिर में झुका और मैंने चाची की योनि पर थोड़ा सा थूका, लेकिन वो योनि तक नहीं गया। फिर मैंने अपनी एक ऊँगली पर थूका और चाची की योनि पर लगा दिया और ऐसा मैंने कई बार किया। चाची को उसमे भी बहुत मज़ा सा आ रहा था। अब मैंने अपनी ऊँगली को थोड़ा सा अंदर डाला और देखा कि वो बहुत गीली हो गई थी। मैंने थोड़ा सा थूक अपने लंड पर भी डाला और दोबारा लंड को अंदर डाल दिया और में एक बार फिर से चुदाई करने लगा। में कई देर तक करता रहा, लेकिन अब मेरा वीर्य निकल नहीं रहा था लेकिन हाँ मुझे मज़ा बहुत आ रहा था फिर चाची ने मुझसे कहा कि प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो और मैंने बहुत ज़ोर ज़ोर से झटके लगाए।
अब हम दोनों बहुत अच्छी तरह से पसीने में गीले हो गए थे और अब चाची भी चुदाई करते करते मुझसे बोली कि तुम्हारे साथ नहाना बेकार है। फिर मैंने कहा कि दोबारा नहा लेना मेरी जान और अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के देता रहा। फिर कुछ देर बाद अब मेरा वीर्य निकलने वाला था इसलिए मैंने अपना लंड तुरंत खींचकर बाहर निकाल दिया और दोबारा मैंने चाची के बूब्स पर अपना वीर्य गिरा दिया वो अब मुझे बहुत पतला लग रहा था।
फिर कुछ देर बाद चाची ने उठकर अलमारी से एक टावल निकाला और वो खुद को साफ करने लगी। फिर मैंने उनसे टावल ले लिया और मैंने उनको कहा कि लाओ में साफ कर देता हूँ, वो मुझसे बोली कि तुम रहने ही दो, तो मैंने मीठे स्वर में कहा कि सपना दे ना यार और फिर मैंने ही उसे साफ किया और उसके बाद मैंने ही चाची को पेंटी पहनाई और बाकी कपड़े उसने खुद पहन लिए।
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