contd 1
के
पास ले गया और उनकी बुर को ऊपर से
ही चूसने लगा। फिर मैंने
उनकी पैंटी को पकड़ा और मामी से
कहा- अपने चूतड़ थोड़ा ऊपर उठाओ
ताकि मैं तुम्हारी पैंटी को निकाल सकूं। मामी ने बिना कुछ बोले अपने चूतड़
ऊपर उठाये और मैंने एक झटके से
उनकी पैंटी निकाल दी। वाह एकदम
चमाचमा उठी उनकी चिकनी बुर !
कामरस से भीगी हुई ! कितने मोटे
मोटे होंठ थे उनकी बुर के ! एक
भी बाल नहीं था ! एकदम सफाचट
थी ! मैंने उनकी बुर
को खोला तो उनका लाल सुर्ख
दाना चमक उठा और बुर का छेद
पच्चीस पैसे के सिक्के
जितना छोटा था। मैं तुरन्त
ही अपना मुँह उनकी बुर के पास ले गया और चाटने लगा। मैं अब
मामी की बुर के दाने
को चुभला रहा था और मामी आहहहह
उहह सीईईई ऊफफफफफ आहहहहह
की जोरदार आवाज निकाल
रही थीं और कह रही थीं- खा जाओ मेरी बुर को और अंदर तक जुबान
डालो ! मैं अब मामी की बुर में जोर जोर से
उंगली करने लगा लेकिन
मेरी उंगली आसानी से अंदर
नहीं जा रही थी, बडी ही कसी हुई
बुर थी मामी की। उफ़्फ़ !
इतना मजा आ रहा था कि सारा वर्णन करना ही असम्भव है। जब मैंने मामी की पूरी बुर चाट
ली तो मैं हट गया और मामी का टॉप
निकाल दिया। अन्दर उन्होंने
ब्रा नहीं पहन रखी थी। अब मामी के
मस्त कबूतर उछल कर बाहर आ गये।
मैं मामी के दूधों को हल्के हल्के सहलाने लगा तो मामी ने मेरे हाथ
अपनी चूचियों पर दबा दिये और
कहा- जोर जोर से दबाओ। मैंने दोनों चूचियों को पकड़
लिया और दबाने लगा। कितने कसे
हुए दूध थे उनके ! फिर
उनकी घुडियों को अपनी उंगलियों
में मसलने लगा। मामी के मुँह से
वासनायुक्त सिसकारियाँ निकल रही थीं। धीरे से मैं अपना मुँह मामी के
उभारों पर लाया और मुँह में भरभर कर
जोर जोर से चूसने लगा। वाह
बड़ा मजा आ रहा था ! फिर मैं मामी के होंठों और
गालों को चूने चाटने लगा और
अपनी जीभ मामी के मुँह में डाल दी।
मामी उसको मजे से चूसने लगी। कुछ
समय बाद मामी ने मुझको अपने से
अलग किया और कहा- वाह, तुम तो सारे कपड़े पहने हुए हो और मुझे
नंगा कर दिया? मैंने मामी से कहा- तुम्हीं उतार दो ! और मामी ने मेरे सारे कपड़े उतार
दिये। मेरा लंड जो कि 6 इंच
लंबा और गोलाई लिए हुए 3 इंच
मोटा था को देखकर मामी खुश
हो गईं। मैंने
मामी को खड़ा किया और उनके होंठ चूमने लगा, उनसे कहा- अपनी जीभ
मेरे मुँह में डालो ! और मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल
दी और हम दोनों एक दूसरे की जीभ
को चूसने चाटने लगे। थोड़ी देर बाद
मामी अपना मुँह मेरे लंड के पास लाईं
और कहा कि तुमने मेरी बुर चूसी है,
अब मैं भी तुम्हारा लंड चूसूंगी ! मामी मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह
चूसने और आइसक्रीम की तरह चाटने
लगी। मुझे बड़ा मजा आ रहा था, लग
रहा था कि मैं जन्नत की सैर कर
रहा हूँ। 5 मिनट तक मेरे लंड
को चूसने के बाद मामी ने मुझे सोफे पर बिठा दिया और मेरे सामने घुटनों के
बल बैठकर मेरा लंड चूसने लगीं और
मेरी गोलियों को मुँह में भर लिया। मैंने मामी से कहा- अब छोड़ दो,
नहीं तो मेरा रस बाहर निकल
आयेगा। लेकिन मामी मानी नहीं और मेरा लंड
चूसती रहीं। कुछ समय के बाद मेरा रस
निकलने लगा तो मैंने
मामी का चेहरा पकड़कर ऊपर
उठाया लेकिन वो हट
ही नहीं रही थी तो फिर मेरा लंड रस उनके मुँह में ही भर गया। कुछ
तो मामी के मुँह से बाहर निकल
गया और कुछ उन्होंने चाट लिया। फिर मेरी तरफ सेक्सी निगाहों से
देखती हुई अपने होठों को चाटने
लगी। मैंने आगे बढ़कर
मामी को बाहों में भर लिया और
चूमने लगा। मैं कहने लगा- आपने
तो मुझे स्वर्ग की सैर करा दी ! मामी हंसने लगी और मेरे सीने
को सहलाने लगी। इससे मेरा लंड
फिर से खड़ा हो गया। तब मामी मेरे
घुटनों पर बैठकर मेरा लंड अपने हाथ में
पकड़कर अपनी बुर के दाने पर घिसने
लगी और जोर जोर से सीत्कारें भरने लगी। वे मेरे ऊपर बैठी हुईं
थी जिससे कि उनकी बुर
का पानी मेरे लंड
को पूरा भिगो गया था और अब
किसी चिकनाई की जरूरत
नहीं थी। मामी ने मेरे लंड का अपनी बुर के छेद पर
निशाना बनाया और धीरे धीरे बैठने
लगी। उफ़्फ़ ! बडा मजा आने लगा मुझे ! मेरा लंड बडा ही कसा हुआ उनकी बुर
में घुस रहा था। मैंने देखा कि मामी ने
अपने जबड़े भींच रखे थे और धीरे धीरे
करके मेरे लंड पर जड़ तक बैठ
चुकी थीं और उसके बाद मेरे
होंठों को अपने होठों में भर लिया और चूसने लगी। मैं अपने हाथ
उनकी कमर से चूचियों पर लाया और
दोनों हाथों में भर कर दबाने लगा। अब मामी सीईईईईई सीसीसी आह
अअअअहाहहहह की जोरदार आवाजें
निकाल रही थी और ऊपर से
झटका भी मार रही थी। पूरे कमरे में
फच फच सीईसीइइइई और तेज और
तेज तेज करो की जोरदार आवाजें हो रही थीं। करीब 5 मिनट तक
मामी ऊपर से और मैं नीचे से एक दूसरे
की चुदाई करते रहे और उसके बाद
मामी का पानी निकल
गया तो मामी रूक गईं और मुझसे कहने
लगीं- बस अब और न करो ! लेकिन मेरा तो अभी रस
निकला ही नहीं था इसलिए मैंने
मामी से कहा- मेरा तो निकल जाने
दो ! तो मामी मान गईं, मैंने मामी से कहा-
घोड़ी बन जाओ ! और पीछे से मैं उनकी बुर में
अपना मोटा लंड डाल कर धीरे धीरे
चोदने लगा। कुछ समय के बाद
मामी को फिर से मजा आने
लगा तो मामी भी अपनी कमर
को चलाने लगीं। मामी को चोदते हुए मैं उनकी गांड के छेद को फूलते
पिचकते हुए देख रहा था और
मुस्कुरा भी रहा था। मैंने मामी की बुर
में एक अंगुली डाल कर
उसको गीला किया और
मामी की गांड में डाल दिया मामी उछल पडीं और
उनकी सीत्कारें और भी तेज
हो उठीं।
मामी को इतना ज्यादा मजा आया कि
वे फिर झड़ गईं। कुछ समय बाद जब मुझे लगा कि अब
मेरा भी निकल जायेगा तो मैंने
मामी से कहा- मेरा वीर्य निकलने
वाला है, कहाँ डालूं ? तो उन्होंने कहा- मेरी बुर में ही डाल
दो ! मेरा भी निकलने वाला है ! मैंने मामी से कहा कि ऐसे
तो आपको बच्चा हो जायेगा तो मामी
ने कहा- हो जाने दो ! मैं
तुम्हारा ही बच्चा पैदा करूंगी ! तुम्हारे
मामा तो बूढ़े हैं मैं
तो तुम्हारा ही बच्चा पैदा करूंगी तो वो तुम्हारे जैसे ही खूबसूरत और
बलिष्ठ होगा। मैंने मामी को सोफे पर पीठ के बल
लिटा दिया और उनकी बुर में
अपना मोटा लंड खोंस कर धचाधच
चुदाई करने लगा। 15-20 धक्के लगाने
के बाद मामी चिल्लाने लगीं- मैं
तो गई गई सीर्इसीसीसी ईई....ईसीई आह उह
आह आह जोर से और जोर से ! करने
लगी तो मैं समझ
गया कि मामी का निकलने वाला है। मैंने मामी के दूधों को दोनों हाथों में
भर लिया और जोर जोर से दबाते हुए
धक्के लगाने लगा। 8-10 धक्कों के
बाद मेरे मोटे लंड से रस निकलने
लगा किन्तु मैं रूका नहीं और अन्दर
तक पेलने लगा। जब मेरा पूरा लंड रस निकल गया तो मैं मामी की बुर में
ही लंड डालकर मामी के उपर लेट गया।
करीब दस मिनट बाद हमें होश
आया तो हम दोनों शरमाने लगे। मामी ने मेरे होठों को चूमकर कहा-
सच जितना मजा तुम्हारे साथ आया,
उतना तुम्हारे मामा के साथ
कभी नहीं आया। आज मैं सही मायने
में औरत बन पाई हूँ। मैंने मामी से कहा- मैं आया तो एक
दिन के लिए ही था लेकिन मैं
अभी कुछ दिन और रूककर तुम्हारे
साथ मस्ती करना चाहता हूँ। तो मामी ने कहा- यही तो मैं भी कहने
वाली थी, जितने दिन चाहो उतने
दिन रूको। और मैं चार दिनों तक मामी के
यहाँ रूककर मजे करता रहा
पास ले गया और उनकी बुर को ऊपर से
ही चूसने लगा। फिर मैंने
उनकी पैंटी को पकड़ा और मामी से
कहा- अपने चूतड़ थोड़ा ऊपर उठाओ
ताकि मैं तुम्हारी पैंटी को निकाल सकूं। मामी ने बिना कुछ बोले अपने चूतड़
ऊपर उठाये और मैंने एक झटके से
उनकी पैंटी निकाल दी। वाह एकदम
चमाचमा उठी उनकी चिकनी बुर !
कामरस से भीगी हुई ! कितने मोटे
मोटे होंठ थे उनकी बुर के ! एक
भी बाल नहीं था ! एकदम सफाचट
थी ! मैंने उनकी बुर
को खोला तो उनका लाल सुर्ख
दाना चमक उठा और बुर का छेद
पच्चीस पैसे के सिक्के
जितना छोटा था। मैं तुरन्त
ही अपना मुँह उनकी बुर के पास ले गया और चाटने लगा। मैं अब
मामी की बुर के दाने
को चुभला रहा था और मामी आहहहह
उहह सीईईई ऊफफफफफ आहहहहह
की जोरदार आवाज निकाल
रही थीं और कह रही थीं- खा जाओ मेरी बुर को और अंदर तक जुबान
डालो ! मैं अब मामी की बुर में जोर जोर से
उंगली करने लगा लेकिन
मेरी उंगली आसानी से अंदर
नहीं जा रही थी, बडी ही कसी हुई
बुर थी मामी की। उफ़्फ़ !
इतना मजा आ रहा था कि सारा वर्णन करना ही असम्भव है। जब मैंने मामी की पूरी बुर चाट
ली तो मैं हट गया और मामी का टॉप
निकाल दिया। अन्दर उन्होंने
ब्रा नहीं पहन रखी थी। अब मामी के
मस्त कबूतर उछल कर बाहर आ गये।
मैं मामी के दूधों को हल्के हल्के सहलाने लगा तो मामी ने मेरे हाथ
अपनी चूचियों पर दबा दिये और
कहा- जोर जोर से दबाओ। मैंने दोनों चूचियों को पकड़
लिया और दबाने लगा। कितने कसे
हुए दूध थे उनके ! फिर
उनकी घुडियों को अपनी उंगलियों
में मसलने लगा। मामी के मुँह से
वासनायुक्त सिसकारियाँ निकल रही थीं। धीरे से मैं अपना मुँह मामी के
उभारों पर लाया और मुँह में भरभर कर
जोर जोर से चूसने लगा। वाह
बड़ा मजा आ रहा था ! फिर मैं मामी के होंठों और
गालों को चूने चाटने लगा और
अपनी जीभ मामी के मुँह में डाल दी।
मामी उसको मजे से चूसने लगी। कुछ
समय बाद मामी ने मुझको अपने से
अलग किया और कहा- वाह, तुम तो सारे कपड़े पहने हुए हो और मुझे
नंगा कर दिया? मैंने मामी से कहा- तुम्हीं उतार दो ! और मामी ने मेरे सारे कपड़े उतार
दिये। मेरा लंड जो कि 6 इंच
लंबा और गोलाई लिए हुए 3 इंच
मोटा था को देखकर मामी खुश
हो गईं। मैंने
मामी को खड़ा किया और उनके होंठ चूमने लगा, उनसे कहा- अपनी जीभ
मेरे मुँह में डालो ! और मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल
दी और हम दोनों एक दूसरे की जीभ
को चूसने चाटने लगे। थोड़ी देर बाद
मामी अपना मुँह मेरे लंड के पास लाईं
और कहा कि तुमने मेरी बुर चूसी है,
अब मैं भी तुम्हारा लंड चूसूंगी ! मामी मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह
चूसने और आइसक्रीम की तरह चाटने
लगी। मुझे बड़ा मजा आ रहा था, लग
रहा था कि मैं जन्नत की सैर कर
रहा हूँ। 5 मिनट तक मेरे लंड
को चूसने के बाद मामी ने मुझे सोफे पर बिठा दिया और मेरे सामने घुटनों के
बल बैठकर मेरा लंड चूसने लगीं और
मेरी गोलियों को मुँह में भर लिया। मैंने मामी से कहा- अब छोड़ दो,
नहीं तो मेरा रस बाहर निकल
आयेगा। लेकिन मामी मानी नहीं और मेरा लंड
चूसती रहीं। कुछ समय के बाद मेरा रस
निकलने लगा तो मैंने
मामी का चेहरा पकड़कर ऊपर
उठाया लेकिन वो हट
ही नहीं रही थी तो फिर मेरा लंड रस उनके मुँह में ही भर गया। कुछ
तो मामी के मुँह से बाहर निकल
गया और कुछ उन्होंने चाट लिया। फिर मेरी तरफ सेक्सी निगाहों से
देखती हुई अपने होठों को चाटने
लगी। मैंने आगे बढ़कर
मामी को बाहों में भर लिया और
चूमने लगा। मैं कहने लगा- आपने
तो मुझे स्वर्ग की सैर करा दी ! मामी हंसने लगी और मेरे सीने
को सहलाने लगी। इससे मेरा लंड
फिर से खड़ा हो गया। तब मामी मेरे
घुटनों पर बैठकर मेरा लंड अपने हाथ में
पकड़कर अपनी बुर के दाने पर घिसने
लगी और जोर जोर से सीत्कारें भरने लगी। वे मेरे ऊपर बैठी हुईं
थी जिससे कि उनकी बुर
का पानी मेरे लंड
को पूरा भिगो गया था और अब
किसी चिकनाई की जरूरत
नहीं थी। मामी ने मेरे लंड का अपनी बुर के छेद पर
निशाना बनाया और धीरे धीरे बैठने
लगी। उफ़्फ़ ! बडा मजा आने लगा मुझे ! मेरा लंड बडा ही कसा हुआ उनकी बुर
में घुस रहा था। मैंने देखा कि मामी ने
अपने जबड़े भींच रखे थे और धीरे धीरे
करके मेरे लंड पर जड़ तक बैठ
चुकी थीं और उसके बाद मेरे
होंठों को अपने होठों में भर लिया और चूसने लगी। मैं अपने हाथ
उनकी कमर से चूचियों पर लाया और
दोनों हाथों में भर कर दबाने लगा। अब मामी सीईईईईई सीसीसी आह
अअअअहाहहहह की जोरदार आवाजें
निकाल रही थी और ऊपर से
झटका भी मार रही थी। पूरे कमरे में
फच फच सीईसीइइइई और तेज और
तेज तेज करो की जोरदार आवाजें हो रही थीं। करीब 5 मिनट तक
मामी ऊपर से और मैं नीचे से एक दूसरे
की चुदाई करते रहे और उसके बाद
मामी का पानी निकल
गया तो मामी रूक गईं और मुझसे कहने
लगीं- बस अब और न करो ! लेकिन मेरा तो अभी रस
निकला ही नहीं था इसलिए मैंने
मामी से कहा- मेरा तो निकल जाने
दो ! तो मामी मान गईं, मैंने मामी से कहा-
घोड़ी बन जाओ ! और पीछे से मैं उनकी बुर में
अपना मोटा लंड डाल कर धीरे धीरे
चोदने लगा। कुछ समय के बाद
मामी को फिर से मजा आने
लगा तो मामी भी अपनी कमर
को चलाने लगीं। मामी को चोदते हुए मैं उनकी गांड के छेद को फूलते
पिचकते हुए देख रहा था और
मुस्कुरा भी रहा था। मैंने मामी की बुर
में एक अंगुली डाल कर
उसको गीला किया और
मामी की गांड में डाल दिया मामी उछल पडीं और
उनकी सीत्कारें और भी तेज
हो उठीं।
मामी को इतना ज्यादा मजा आया कि
वे फिर झड़ गईं। कुछ समय बाद जब मुझे लगा कि अब
मेरा भी निकल जायेगा तो मैंने
मामी से कहा- मेरा वीर्य निकलने
वाला है, कहाँ डालूं ? तो उन्होंने कहा- मेरी बुर में ही डाल
दो ! मेरा भी निकलने वाला है ! मैंने मामी से कहा कि ऐसे
तो आपको बच्चा हो जायेगा तो मामी
ने कहा- हो जाने दो ! मैं
तुम्हारा ही बच्चा पैदा करूंगी ! तुम्हारे
मामा तो बूढ़े हैं मैं
तो तुम्हारा ही बच्चा पैदा करूंगी तो वो तुम्हारे जैसे ही खूबसूरत और
बलिष्ठ होगा। मैंने मामी को सोफे पर पीठ के बल
लिटा दिया और उनकी बुर में
अपना मोटा लंड खोंस कर धचाधच
चुदाई करने लगा। 15-20 धक्के लगाने
के बाद मामी चिल्लाने लगीं- मैं
तो गई गई सीर्इसीसीसी ईई....ईसीई आह उह
आह आह जोर से और जोर से ! करने
लगी तो मैं समझ
गया कि मामी का निकलने वाला है। मैंने मामी के दूधों को दोनों हाथों में
भर लिया और जोर जोर से दबाते हुए
धक्के लगाने लगा। 8-10 धक्कों के
बाद मेरे मोटे लंड से रस निकलने
लगा किन्तु मैं रूका नहीं और अन्दर
तक पेलने लगा। जब मेरा पूरा लंड रस निकल गया तो मैं मामी की बुर में
ही लंड डालकर मामी के उपर लेट गया।
करीब दस मिनट बाद हमें होश
आया तो हम दोनों शरमाने लगे। मामी ने मेरे होठों को चूमकर कहा-
सच जितना मजा तुम्हारे साथ आया,
उतना तुम्हारे मामा के साथ
कभी नहीं आया। आज मैं सही मायने
में औरत बन पाई हूँ। मैंने मामी से कहा- मैं आया तो एक
दिन के लिए ही था लेकिन मैं
अभी कुछ दिन और रूककर तुम्हारे
साथ मस्ती करना चाहता हूँ। तो मामी ने कहा- यही तो मैं भी कहने
वाली थी, जितने दिन चाहो उतने
दिन रूको। और मैं चार दिनों तक मामी के
यहाँ रूककर मजे करता रहा
बात तब की है जब मैं अपने बारहवीं के
पेपर देकर घर में
छुट्टियाँ मना रहा था। हमारे घर के
बगल में दो महीने पहले ही एक
परिवार रहने आया था। उनके
परिवार में पाँच लोग पति-पत्नी, दो लड़कियाँ और एक लड़का। उन
दोनों लड़कियों में एक की उम्र
थी 20 साल और दूसरी की उम्र
थी 18 साल। दोनों ही एकदम माल
लगती थी। नीलम जो 20 साल
की थी वो तो एकदम पोर्न फ़िल्मों की हिरोइन लगती थी।
उसकी 34डी की चूचियाँ उसकी ब्रा
के अन्दर हमेशा तनी हुई
रहती थी और उसकी पतली 26 कमर
से जब
उसकी पैन्टी की डोरी दिखती थी तो बस गज़ब हो जाता था और
उसकी 36" वाले गाण्ड के गोले
तो उसकी मटकती चाल से हर लड़के
की नीयत खराब कर देते थे। खैर वो दोनों बहनें हमारे घर में आने
जाने लगी, उनकी मेरी माँ से खूब पटने
लगी। वो ज़रुरत पड़ने पर घर आकर
सामान ले जाती थी। एक दिन मैं शाम
को खेलकर घर आया तो नीलम मेरे घर
पर ही थी। वो रसोई में बैठकर बातें कर रही थी, मुझे काफ़ी तेज़ प्यास
लगी थी तो मैं रसोई में पानी लेने
चला गया। वहाँ वो झुक कर कुछ उठाने
लगी और उसकी लाल कमीज़ से
उसकी लाल ब्रा दिखने लगी और
उसकी गोल चूचियाँ साफ़ दिखने लगी और मेरा लन्ड
हल्का सा झटका देता हुआ खड़ा होने
लगा। मैंने धीरे से अपना हाथ पैंट पर
रखा और उसने मुझे यह करते हुए देख
लिया। मैं चुपचाप बाहर निकल
आया। फिर अगले 3-4 दिन बाद हमारे
मुहल्ले में पानी आना बंद
हो गया था क्योंकि नई सीवर लाइन
बिछ रही थी और उसके कालेज में
उस दिन पार्टी थी तो वो हमारे घर
नहाने चली आई। पर जब वो आई तब लाइट नहीं आ रही थी तो उसने अपने
कपड़े बाथरूम के बगल में रख दिये और
वो बातें करने लगी। थोड़ी देर में जब
लाइट आई तो वो केवल
अपनी ब्रा और समीज़ उठाकर नहाने
चली गई। मैं दूसरे कमरे से निकल कर
आया तो देखा कि उसकी पैंटी नीचे
पड़ी थी। मैंने उसे उठाया और सूँघने
लगा। थोड़ी देर में वो नहा कर
निकली तो मैं एकदम से उसके सामने
आ गया तो वो शरमा गई और जल्दी से अपने कपड़े उठाकर दूसरे
कमरे में चली गई। उस दिन भी मैं उसके नाम की मुठ
मारकर रह गया पर मैंने उस दिन सोच
लिया कि उसकी प्यारी सी
मुस्कुराहट को चोदते वक़्त
भी देखूँगा। अगले कुछ दिनों बाद वो मेरे घर पर
आई लेकिन उस दिन घर पर कोई
नहीं था तो वो बेल बजाती रही। मैं
नहाने जा रहा था, सोचा कि कोई
सेल्समैन होगा तो केवल
तौलिया बाँधकर बाहर आ गया। देखा तो उसने गुलाबी साड़ी पहन
रखी थी और उसकी पूरी कमर और
नाभि दिख रही थी और मैं
भी आधा नंगा था तो मुझे देखकर
उसको भी कुछ हुआ। मैंने उसे अन्दर आने को कहा तो उसने
मुझे बताया कि उसे मेरे कंप्यूटर से
कुछ फ़िल्में चाहियें तो मैंने
कहा कि मेरे कमरे में जाकर ले लो और
मैं बाथरूम में चला गया। मैंने सोचा कि यही सही मौका है और
मैं जल्दी से नहाकर रूम में चला गया।
उसने मेरे पर्सनल फ़ोल्डर को खोल
लिया था और मेरे रूम में घुसने पर एक
ब्लू फ़िल्म चल रही थी जिसमें
...


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